रिशु कुमार- पिछले ६-७ महीनो में जिले की सूरत एवं सीरत दोनों बदली सी नजर आ रही है. जहाँ पहले बिहारशरीफ शहर बात-बात में सांप्रदायिक तनाव से...
रिशु कुमार- पिछले ६-७ महीनो में जिले की सूरत एवं सीरत दोनों बदली सी नजर आ रही है. जहाँ पहले बिहारशरीफ शहर बात-बात में सांप्रदायिक तनाव से ग्रस्त एक बोझिल सी तस्वीर पेश करता था वही आज कल ये सामजिक सौहार्द से लबरेज़ एक बुलंद समाज की बुनियाद रखता हुआ दिख रहा है. ये आलम कायम हुआ है यहाँ नालंदा पुलिस एवं जिला प्रशासन के सहयोग से कि बिना किसी बाहरी मदद के सिर्फ जिला पुलिस बल, होम गार्ड के जवान एवं आम नागरिकों के बूते जिन्होंने मुहर्रम, दशहरा व छठ जैसे बड़े त्यौहारों को शांतिपूर्वक संपन्न किया । नालंदा एसपी कुमार आशीष की प्रेरणा ने आम युवाओं को तिरंगा लेकर मुहर्रम जैसे धार्मिक मौके पर शहर को वो सन्देश दे दिया जिसके कल्पना करना आसान नहीं था। सोशल मीडिया पर खुद एसपी द्वारा कड़ी निगरानी रखते हुए कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत पूरे शहरवासियों एवं जिलावासियों को एक माला में पिरोने का काम किया गया। गंगा जमुनी तहजीब की संस्कृति को एक धागे में पिरोने के लिए मशहूर बाबा मखदूम व बाबा मणिराम की धरती बिहारशरीफ में जगह- जगह से जुलूस एवं ताजिया निकाला गया, जिसमें हिन्दू-
मुसलमान भाइयों ने तिरंगे को हाथ में लेकर विश्व को शान्ति का सन्देश दिया।
पूरे शहर में यह चर्चा का विषय बना रहा। रात भर डीएम व एसपी एक साथ शहर में घूमते दिखे, जायजा लेते दिखे। सड़कों पर कौम नहीं, इंसानियत चल रही थी। पुलिस-प्रशासन को इतने सजग रूप में यहाँ शायद किसी ने नहीं देखा था, आम जनता ने भी बखूबी साथ दिया, अमनपसंद सामने आये, और इसी प्रयास का परिणाम था की शहर की एकता को विखंडित करनेवाले तत्व बिखर गए और इंसानियत हावी हुई. कल्चरल पुलिसिंग: जनता में जगी आस इसमें कोई दो राय नहीं है कि पुलिस प्रशासन के कम्युनिटी पुलिसिंग के कॉन्सेप्ट ने आम लोगों को पुलिस से जोड़ दिया है। “कॉफ़ी विथ एसपी” प्रोग्राम काफी सफल रहा है जिसके माध्यम से एसपी कुमार आशीष द्वारा युवाओं के साथ इंटरेक्शन किया जाता है. इसकी सफलता कई जिलों में आदर्श बन चुकी है. साथ ही पुलिस कप्तान द्वारा शुरू किये गए शहर का निगरानी दस्ता “हॉक ब्रिगेड”, महिलाओं की सुरक्षा के लिए “पिंक ब्रिगेड” काफी कारगर साबित हुए है. जिले में “कल्चरल पोलिसिंग” की शुरुआत हुई है, पुलिस और पब्लिक सभी त्योहारों में साथ मिलकर सुख-दुःख बाँटते है. हाल में ही दिवाली में सुदूर तेल्हाडा थाना के लोदीपुर एवं पूरा गाँवों में गरीबों के बीच दीया जलाना, स्वतंत्रता दिवस पर मुशायरा सह कवि सम्मलेन का आयोजन, क्रिकेट-फुटबॉल एवं वॉलीबॉल की प्रतियोगिताएं, रक्तदान- वस्त्रदान एवं नेत्र- शिविर का आयोजन, विभिन्न सामाजिक संगठनों को अपनी मुहिम से जोड़ना, जरूरतमंद बच्चों के लिए लाइब्रेरी- क्रीडा गृह की स्थापना, ट्रैफिक जागरूकता के कई प्रोग्राम, नशामुक्ति
की दिशा में सक्रिय भागीदारी निभाना, हाई-टेक फेसबुक- व्हात्सप्प के अलावा आम जनता से जुड़ने के लिए शिकायत पेटिका, जरुरतमंदों को त्वरित एवं उचित सहायता आदि जैसे कई कार्य पुलिस प्रशासन ने किए हैं जो सराहनीय एवं आम जनता के लिए फायदेमंद रहे हैं. जरुरत है ऐसे प्रयासों को जारी रखने की जो पुलिसिंग की गुणवत्ता में चार-चाँद लगाकर समाज में सकारात्मक रूप से अपराध में कमी लाकर नयी पीढ़ी को एक नयी दिशा दे रही है.